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Cunning goat | चालाक बकरी |
उसी जंगल में एक भेड़िया रहता था जो उस दिन भूखा था खाने की तलाश में गांव की ओर बढ़ रहा था!तभी भेडिये को बकरी दिखी ! वह बहुत खुश हुआ और सोचने लगा आज तो बकरी खाने को मिलेगी!
तब सोनू को भेड़िया आते दिखा वह एकदम डर गई और सोचने लगी आज तो यह उसे खाने वाला है परन्तु जैसा कि बकरी बहुत चालाक थी उसने दिमाग लगाया और भेड़िए से बचने का उपाय सोचा! सोनू ने कुछ उपाय सोचा और कुछ ही समय में भेड़िया बकरी के पास आ गया और बोला -क्या बात है बकरी तुम मुझे देख कर भागी नहीं! तुम्हें मुझ से डर नहीं लगा?
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तभी भी सोनू ने बड़ी चतुराई से जवाब दिया -अब भागकर भी क्या होता तुम मुझे पकड़ ही लेते !उससे अच्छा तो मै यहीं हूं और तुम मुझे खा लो! ताकि मेरी मृत्यु के बाद मैं स्वर्ग में सभी को बोल सकूं मेरी मौत एक बहादुर भेड़िये के हाथों हुई है!भेडिये को बकरी की मीठी बातें बहुत पसंद आई फिर वह बोला- वैसे मैं शिकार को देखते ही मार डालता हूं उसे बोलने का मौका ही नहीं देता हूं पर आज मैं तुझे यह मौका दे रहा हूं !बता मरने से पहले तेरी कोई अंतिम इच्छा है ?
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चालाक बकरी – Stories for Kids |
तभी सोनू अपनी मधुर आवाज में बोली-आप कितने दयालु है मेरी एक ही आखिरी इच्छा है मै मरने से पहले जोर जोर से गाना चाहती हूं! क्या मैं गा सकती हूं ?
भेडिये ने कहा -बिल्कुल
और फिर बकरी जोर-जोर से आवाज करने लगी बकरी की इतनी जोर की आवाज गांव तक पहुंची गांव के लोग लाठी लेकर भागते हुए बकरी तक आ गये यह देखकर भेड़िया डर गया और वहां से भाग गया और इस तरह बकरी की चतुराई काम आई!
तो बच्चों इस कहानी से हमें शिक्षा मिली की हमें संकट के समय घबराना नहीं चाहिए बल्कि समझदारी से उस परिस्थिति का सामना करना चाहिए !
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