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सोने का अंडा – The Golden Egg | Hindi Stories for Kids |
एक दिन की बात है विष्णु सुबह-सुबह मुर्गियों के अंडे इकट्ठे करने आया तभी उसकी नजर एक अंडे पर पड़ी और वह चौक गया!अरे यह क्या है? यह तो सोने का अंडा लग रहा है! देखूं तो इसे “हां यह तो सच में सोने का ही अंडा है वाह वाह मेरी तो किस्मत खुल गई है”
सोने का अंडा मिलते ही उसने वह अंडा बाजार में बेच दिया ! अब वह घर में सभी जरूरत की चीजें लाने लगा
हर रोज सोने का अंडा मिलने से वह अमीर होता गया ,परंतु धीरे-धीरे वह और अमीर होने के सपने देखने लगा और उसका लालच बढ़ता गया ! “ऐसे ही मैं नगर का सबसे धनवान व्यक्ति बन जाऊंगा”
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दिन बीतते गए अब उसने सोने के अंडे बेच बेच कर कई सारी महंगी चीजें खरीद ली! अब उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी परंतु फिर भी विष्णु को तो नगर का सबसे अमीर व्यक्ति बनना था !अब एक सोने के अंडे से उसका काम नहीं चल रहा था ! वह कहते हैं ना लालच इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है वैसा ही हुआ, विष्णु अब सोचने लगा- “क्यों ना में एक अंडे के बजाय सारे अंडे एक साथ ही निकाल लूँ ..”
सबसे ज्यादा अमीर व्यक्ति बनने के सपने देखने वाला विष्णु अगले दिन उठ कर सीधे मुर्गी के पास जाता है!
“आज भी एक ही अंडा- ऐसे तो मैं कब अमीर बनूंगा ! क्या यार!एक काम करता हूं सारे अंडे एक साथ ही निकाल लेता हूं!”
तो अब जो नहीं होना चाहिए था वह विष्णु ने कर दिया लालची विष्णु ने मुर्गी का पेट काट दिया और जब उसने देखा मुर्गी के पेट में कुछ नहीं है तो वह दुखी हो गया और कहने लगा- “अरे यह क्या, यहां तो एक भी सोने का अंडा नहीं है! हे भगवान यह मैंने क्या कर दिया, मैंने लालच में अपना ही नुकसान कर दिया!”
तो बच्चों इस कहानी से हमें सबक मिलता है की लालच बुरी बात है हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए !
धन्यवाद !