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हवेली का भूत | Bhoot Ki Kahaniya For Kids | Hindi Moral Stories

करणपुर नामक गांव में 100 साल पुरानी है बहुत बड़ी हवेली थी  गांव के लोग उस के पास जाने से बहुत डरते थे! पुरानी हवेली में “कीमा” नाम का  एक भूत रहता था! गांव में कीमा नाम के भूत का खोफ फैला हुआ था कोई भी व्यक्ति उस हवेली की तरफ नहीं जाता था!


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हवेली का भूत | Bhoot Ki Kahaniya For Kids

एक दिन पड़ोस के रामपुर गांव से दीपक नाम का एक व्यक्ति कुछ काम से करणपुर आया वह बिल्कुल अनजान था! वह उस पुरानी हवेली के पास से गुजरा तो उसे आस पास कोई लोग नहीं दिखाई दिए! जब दीपक ने उस पुरानी हवेली की तरफ देखा तो उसे हवेली का दरवाजा खुला मिला तो दीपक ने सोचा अंदर जाकर किसी से यह पता पूछ लेता हूं! अब दीपक  उस हवेली के अंदर गया अचानक से हवेली का दरवाजा बंद हो जाता है और आवाज आती है- आ गए तुम… तुम्हारा स्वागत है!

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दीपक उस आवाज को सुनकर डर जाता है वह बोला- कौन है कृपया मेरे सामने आए!
फिर कीमा बोला -जिसका इस गांव में खोफ है वो में हु! “कीमा” मेरा नाम है! तुम यहां क्यों आए हो मूर्ख… क्या काम है यहा बता?
 दीपक बोला- मै यह आज शक्कर वाले का पता पूछने आया था मुझे और कुछ नहीं चाहिए! अगर आपको पता  नहीं मालूम है तो मैं यहां से चला जाता हूं!
फिर  कीमां ने कहा- तू यहां से अब नहीं जा सकता, इस हवेली के सारे दरवाजे अब तुम्हारे लिए बंद है! अगर तुम यहां से बाहर जाना चाहते हो तो तुम्हें मेरे सवालों का सही जवाब देना  होगा !
इसके बाद दीपक डरता हुआ बोला – मैं सही जवाब दे दूंगा!पहले आप सामने तो आइए!
फिर कीमा ने कहा- लो आ गया!

Haweli Ka Bhoot | Kids Learning Stories

यह देखकर दीपक बहुत डर गया! उसने मन मैसोचा यह तो कोई भूत है! और मैं उससे बात कर रहा था!
उसके बाद कीमा बोला- मुझे चाहिए सही जवाब उसके बाद जाइए बाहर!
दीपक ने कहा पूछो सवाल -मै जवाब देने के लिए तैयार हूं!
यह सुनकर कीमा ने पहला सवाल किया-
“दुनिया भर की करता सैर, धरती पर ना रखता पैर,
दिन में सोता, रात में जागता, रात अंधेरी मेरे बगैर!”
सवाल को सुनकर दीपक बोला उसका जवाब तो मुझे मालूम है- जवाब दे “चांद”

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कीमा बोला तुम्हारा दूसरा सवाल-
“आंखें हैं पर देख नहीं सकती, पैर है पर चल नहीं सकती ,
मुंह पर बोल नहीं सकती,बता इसका जवाब!”
दीपक बोला- इसका जवाब है “गुड़िया”जिससे बच्चे खेलते हैं!

कीमा बोला अब तुम्हारा आखिरी सवाल सही जवाब दिया तो बच जाओगे बाकी यहां से कभी बाहर नहीं निकल पाओगे!
“रोज सुबह को आता हूं,
 रोज शाम को जाता हूं,
 मेरे आने से होता उजियारा,
जाने से होता है अँधियारा”
सवाल सुनकर दीपक बोला- इसका जवाब तो बहुत सरल है- जवाब है सूरज! 

Haweli Ka Bhoot | Hindi Story


जैसे ही दीपक ने जवाब दिया कीमा भूत इंसानी रूप में आ गया! और बोला – धन्यवाद दोस्त,मैपिछले 100 सालों से एक साधु के श्राप से भूत बनकर इस हवेली में केद था !मेरे श्राप से मुक्त होने का एक ही रास्ता था वह था पहेलियों का !पहेलियों का सही जवाब जो आज तक कोई नहीं दे पाया परन्तु  तुम ने यह कर दिखाया! और मुझे मुक्त कर दिया ! धन्यवाद्

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